जीव वैज्ञानिकों में दिखा उत्साह
सर्वे में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में 33 हिम तेंदुए मौजूद
लगातार कम हो रही हिम तेंदुओं की संख्या
चमोली। उत्तराखंड वन विभाग ने चमोली जिले में स्थित नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत 70 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। इन ट्रैप कैमरों में अक्सर ही उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में रह रहे दुर्लभतम प्रजाति के वन्य जीव जंतुओं की तस्वीरें कैद होती रहती हैं।
नंदा देवी नेशनल पार्क के ट्रैप कैमरों में चमोली जिले के भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिम तेंदुए भी अक्सर दिख जाते हैं। चमोली के प्रसिद्ध नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत मलारी से आगे सुमना क्षेत्र में एक दुर्लभतम हिम तेंदुए की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है। इससे एक ओर जीव वैज्ञानिकों में उत्साह है, हिम तेंदुए ये खूबसूरत तस्वीर सोशल मीडिया में भी काफी पसंद की जा रही है।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उपवन संरक्षक बीबी मार्ताेलिया ने बताया की नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत वन विभाग के द्वारा लगातार ट्रैप कैमरों में हिम तेंदुए की विचरण की तस्वीरें कैद हुई है। उन्होंने बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान के द्वारा किए गए सर्वे में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में 33 हिम तेंदुए मौजूद हैं। जो वन विभाग और राज्य के लिए एक अच्छी खबर है। इस खबर से राज्य वन विभाग के कर्मचारी बेहद उत्साहित है।
हिम तेंदुए को आईयूसीएन रेड लिस्ट में असुरक्षित जानवर के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। क्योंकि वैश्विक जनसंख्या लिस्ट में हिम तेंदुओं की संख्या 10,000 से कम होने का अनुमान है, वैज्ञानिकों का मानना है कि 2040 तक हिम तेंदुओं की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट होगी। हिम तेंदुए का वैज्ञानिक नाम पेंथेरा अनसिया है। इसे कहीं स्थानों पर औंस भी कहा जाता है। ये फेलिडे परिवार के पैंथेरा जीनस में बड़ी बिल्ली की एक प्रजाति है। ये जानवर पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
अक्सर मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिखाई देते हैं हिम तेंदुए
हिम तेंदुए लगभग 15000 से 16000 फीट की ऊंचाई वाली जगहों में रहते हैं। विशेष तौर पर उत्तराखंड के भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर हिम तेंदुए अक्सर ही दिखाई देते हैं। उच्च हिमालय क्षेत्रों में जब अधिक बर्फबारी होती है तो उस समय हिम तेंदुए निचले इलाकों की तरफ आते हैं। वन विभाग के द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरे में उनकी ये तस्वीर कैद होती है। ट्रैप कैमरों में हिम तेंदुओं के साथ-साथ ही अन्य दुर्लभतम जीव जंतु भी विचरण करते हुए दिखाई देते हैं।
शहरी लाइफ स्टाइल के बुनियादी ढांचे के विकास के बाद अवैध शिकार और निवास स्थान के कारण इस जीव को विनाश से खतरा है।