सोनप्रयाग और गौरीकुंड से 10 हजार तीर्थयात्री हुए केदारनाथ रवाना
रुद्रप्रयाग। आखिरकार लंबे समय बाद रुद्रप्रयाग में बारिश हो गई है। इस बारिश से जंगलों में लंबे समय से लगी आग बुझ गई है। हालांकि यह बारिश तब हुई है, जब जंगल जलकर राख हो गये हैं। रुद्रप्रयाग में देर रात हुई बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह बंद हो गया। हाईवे बंद होने के कारण तीर्थ यात्रियों के अलावा स्थानीय लोग जगह-जगह फंसे रहे। धारी देवी के निकट बंद बदरीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग सुबह नौ बजे खुल पाया। जिसके बाद यात्री अपने गंतव्य को निकले।
शुक्रवार रात रुद्रप्रयाग में जमकर बादल बरसे। झमाझम हुई बारिश से सबसे बड़ी राहत जंगलों में लगी आग और आग के कारण आसमान में फैले धुंए से मिली। बारिश के बाद अब पूरी आग बुझ गई है और धुंआ भी साफ हो गया है। हालांकि बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोबगड़ और नरकोटा में बंद हो गया। सिरोबगड़ में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने के कारण यहां पर लगभग चार घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। इस बीच छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया। बड़े वाहनों को हाईवे खुलने के बाद ही आगे की ओर भेजा गया।
सिरोबगड़ में पहाड़ी से लगातार खतरा बना हुआ है। ऐसे में यहां पर हाईवे के दोनों छोरों पर पुलिस और पीआरडी जवानों की तैनाती की गई है। जवानों की ओर से धीरे-धीरे वाहनों को निकाला जा रहा है। केदारनाथ धाम में आज मौसम साफ है। सुबह के समय सोनप्रयाग और गौरीकुंड से 10 हजार से अधिक तीर्थ यात्री धाम के लिये रवाना किये गये। धाम में भी बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री मौजूद हैं। धाम में दुकानें भी अब पूरी तरह से खुल गई हैं। पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन भी जारी है।
सिरोबगड़ में बारिश लैंडस्लाइन ने 4 घंटे रोका रास्ता
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