लोगों ने घरों पर ही पढ़ी जुमे की नमाज
बवाल के बाद अभी भी उत्तरकाशी में माहौल तनावपूर्ण बना
उत्तरकाशी। सीमांत जिले उत्तरकाशी में गुरुवार को हुए बवाल के बाद जिला मुख्यालय समेत आसपास के सभी बाजार बंद हैं। जिस कारण आम आदमी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिले में शांति व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने मस्जिद में जुमे की नमाज भी अदा नहीं की। लोगों ने घर पर ही नमाज पढ़ी।
दरअसल, उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर गुरुवार 24 अक्टूबर को बवाल हो गया था। इस दौरान पुलिस पर भी पथराव किया गया था, जिस वजह से पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों पर लाठी-चार्ज करना पड़ा था। इस दौरान कई पुलिसकर्मी समेत करीब 27 लोग घायल हुए। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी उत्तरकाशी शहर में धारा 163 लगा दी है।
मुस्लिम समाज के इस्तिहाग अहमद ने बताया कि उनकी उम्र भी करीब 43 साल की हो चुकी है। लेकिन उन्होंने पहली बार उत्तरकाशी जिले में ऐसा माहौल देखा है। उत्तरकाशी में सब आपस में प्यार मोहब्बत से रहते हैं। कुछ बाहरी लोगों की वजह से शहर का माहौल खराब हो रहा है। आगे भी क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। मुस्लिम समाज ने जुमे की नवाज भी अपने घरों पर ही पढ़ी है।
बता दें कि मस्जिद को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल ने गुरुवार को उत्तरकाशी में महारैली निकाली थी, जिसकी पुलिस-प्रशासन से अनुमति भी ली गई थी। पुलिस-प्रशासन ने रैली के लिए समय और रूट दोनों तय किए थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रैली तय रूट पर न जाकर दूसरे मार्ग पर जा रही थी, जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, जिसके बाद पुलिस को भी एक्शन लेना पड़ा। जिला प्रशासन 21 अक्टूबर को प्रेस नोट जारी कर साफ कर चुका है कि जिस मस्जिद को लेकर उत्तरकाशी में विवाद किया जा रहा है, वो वैध है।
हिंदू संगठनों व व्यापारियों का यमुना घाटी बंद का ऐलान, धारा 163 लागू
उत्तरकाशी। जिले में मस्जिद को लेकर शुरू हुआ बवाल बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को हिंदू संगठनों के धरना प्रदर्शन और लाठीचार्ज के बाद माहौल और गर्मा गया। जिला प्रशासन ने देर शाम से धारा 163 लागू कर दी है। उधर हिंदू संगठनों और व्यापारियों ने आज फिर बंद का आह्वान किया है।
जिला मजिस्ट्रेट डॉक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये गत दिवस की देर शाम से अग्रिम आदेशों तक जनपद उत्तरकाशी क्षेत्र के अंतर्गत अनेक शर्तों व प्रतिबंधों के तहत निषेधाज्ञा लागू करने के आदेश दिए हैं।
निषेधाज्ञा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा, चाकू, भाला आदि किसी भी प्रकार का धारदार हथियार अथवा आग्नेय शस्त्र लेकर सीमा के अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा। शांति व्यवस्था के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी, राजकीय ड्यूटी में लगे शिथिलांग व विकलांग कर्मचारी जिन्हें चलने हेतु डंडे की आवश्यकता होती है, इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।
सीमांत जिले उत्तरकाशी के मुख्यालय के पास मौजूद मस्जिद की वैधता को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल मुखर है। दल की तरफ से 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में महारैली आयोजित की गई थी। स्थानीय व्यापारियों ने भी महारैली को अपनी दुकानें और बाजार बंद करके समर्थन दिया था। गुरुवार को संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल का प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शन में शामिल लोग मुख्य बाजार से होते हुए भटवाड़ी रोड तक पहुंचे थे। वहां पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक हो गई थी। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। पत्थर लगने से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। हालात बेकाबू होते देख, पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
गुरुवार को हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज शुक्रवार 25 अक्टूबर को यमुना घाटी बंद का आह्वान किया गया है। ये बंद यमुना घाटी जिला उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर बुलाया गया है। व्यापार मंडल के जिला महामंत्री सुरेंद्र रावत ने कहा कि भटवाड़ी लाठीचार्ज के विरोध में सभी हिंदू संगठन एकजुट हैं। इसे देखते हुए बंद बुलाया गया है। वहीं, जिलाधिकारी मेहरबान सिंह ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के अपील की है।
इधर देवभूमि रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार यानी जुमे को नमाज अदा करने दी गई, तो वह फिर बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर बाजार बंद भी कराएंगे।