देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का मुख्यमंत्री ने किया निरीक्षण
दिसंबर के आखिर तक काम पूरा होने की उम्मीद
निर्माणाधीन एजेंसियों को जल्द से जल्द एक्सप्रेस-वे का काम पूरा करने के दिए निर्देश
देहरादून। निर्माणाधीन देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दून में संबंधित विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। साथ एक्सप्रेस-वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी भी ली।
दरअसल सुबह को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से मेरठ और दिल्ली के दौरे पर निकले है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सड़क मार्ग से ही दिल्ली जा रहे है। इसी बीच उन्होंने रास्ते में निर्माणाधीन देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्माणाधीन एजेंसियों को जल्द से जल्द एक्सप्रेस-वे का काम पूरा करने के निर्देश दिए। ताकि हाईवे पर वाहनों का आवागमन भी शुरू कर दिया जा सके। बता दें कि देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे में एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा।
उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर महीने के अंत तक एक्सप्रेस-वे पर आवाजाही शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस एक्सप्रेस-वे का काम अंतिम चरण में चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली-देहरादून का सफर मात्र ढाई से तीन घंटे में पूरा किया जा सकेगा। एलिवेटेड रोड पर बिजली समेत अन्य काम किए जा रहे है। इस प्रोजेक्ट से उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव आने के साथ ही पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
डीएम सविन बंसल ने भी किया पौटा साहिब हाईवे का निरीक्षण
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने भी सोमवार दो दिसंबर को पौंटा-बल्लूपुर हाईवे का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। इसके अलावा जिलाधिकारी सविन बंसल ने मसूरी बाइपास के निर्माण के बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दिए।
पेड़ों की क्षतिपूर्ति का जिम्मा वन अनुसंधान संस्थान ने लिया
देहरादून। दून-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति का जिम्मा वन अनुसंधान संस्थान ने अपने हाथ में ले लिया है। पहली बार साल के पेड़ों की नर्सरी देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान ने तैयार की है। जिन्हें अगले साल से रोपित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एक्सप्रेसवे को तैयार करने के लिए करीब 11000 साल के पेड़ काटे गए थे। ऐसे में एनएचएआई की मदद से एफआरआई एक प्रोजेक्ट के तहत नर्सरी में साल के पौधे तैयार कर इन्हें रोपित करेगा। भारतीय वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में पहली बार साल की नर्सरी तैयार करते हुए बड़े स्तर पर इन पौधों को रोपित करने जा रहा है। दरअसल साल के पौधे प्राकृतिक रूप से तैयार होते हैं और इन्हें सामान्य रूप से नर्सरी में तैयार करना मुश्किल होता है। ऐसे में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान ने इस चुनौती को अपने हाथों में लेते हुए साल के पेड़ों की नर्सरी तैयार करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। इसी कड़ी में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान ने 15 हजार से ज्यादा साल के पौधे तैयार किये हैं।