अनरजिस्टर्ड केंद्रों को चिन्हित करने की कवायद शुरू
देहरादून। उत्तराखंड में करीब 200 नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन अभी तक 133 नशा मुक्ति केंद्रों ने ही प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन करवाया है। जबकि, 65 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र ऐसे हैं। जिन्होंने अभी तक राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं किया है। जो एसएमएचए और पुलिस विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। जिसको देखते हुए एसएमएचए अब पुलिस विभाग के साथ समन्वय बनाकर अनरजिस्टर्ड केंद्रों को चिन्हित करने की कवायद में जुट गई है। ताकि, अवैध रूप से संचालित केंद्रों पर कार्रवाई की जा सके।
उत्तराखंड में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण किए जाने को लेकर 7 जिलों में मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड का गठन किया गया है। बाकी 5 जिलों में अभी तक कोई नशा मुक्ति केंद्र न होने के चलते मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड का गठन नहीं किया गया है।
इस बोर्ड में उप जिला अधिकारी, पुलिस उपाध्यक्ष, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं। इस बोर्ड का काम संचालित केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही मानकों का पालन करवाना है। इसके साथ ही प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर चुके केंद्रों का परमानेंट रजिस्ट्रेशन से पहले स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपना है।
नशा मुक्ति केंद्रों पर शिकंजे की तैयारी

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