बेतालघाट फायरिंग केस में तीन बदमाश लखीमपुर से गिरफ्तार
पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में दबोचे
भरे बाजार में पुलिस ने गन प्वाइंट पर लिया हिरासत में, मचा हडकंप
हल्द्वानी। नैनीताल के बेतालघाट में पंचायत चुनाव के दौरान फायरिंग मामले में फरार 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की टीम ने आरोपियों को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर से दबोचा है। जिन्हें उत्तराखंड लाया गया है। बताया जा रहा कि नैनीताल पुलिस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में उस समय आरोपियों की गिरफ्तारी की, जब एक आरोपी मेडिकल स्टोर से दवा खरीद रहा था। बाकी दो आरोपी पास में ही खड़े थे तभी नैनीताल पुलिस की टीम ने तीन आरोपियों को अचानक गन प्वाइंट पर ले लिया और उन्हें वाहन में बैठाने लगे।
अचानक हुई इस कार्रवाई से बाजार में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, बाद में लोगों को जब पता चला कि उत्तराखंड पुलिस थी तो उन्होंने राहत महसूस की। आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान बेतालघाट थाना प्रभारी अनीस अहमद समेत अन्य पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे। बाकी वर्दी में इंतजार कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, 20 अगस्त को दोपहर करीब 11 बजे तीन युवक थार गाड़ी से लखीमपुर के भीरा कस्बे के मुख्य बाजार में पहुंचे और एक मेडिकल स्टोर पर दवाइयां लेने लगे। तभी अचानक वाहन से उतरी उत्तराखंड पुलिस की टीम ने भीरा कोतवाली पुलिस की मदद से उन्हें गन प्वाइंट पर पकड़ लिया। यह नजारा देख बाजार में हड़कंप मच गया और लोग इधर-उधर भागने लगे। लखीमपुर के भीरा प्रभारी निरीक्षक गोपाल नारायण सिंह के मुताबिक, पकड़े गए तीनों आरोपी उत्तराखंड के नैनीताल जिले के निवासी हैं, जिन्हें उत्तराखंड पुलिस अपने साथ ले गई है।
गौर हो कि बीती 14 जुलाई को नैनीताल के बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख के लिए मतदान प्रक्रिया चल रही थी। तभी एक प्रत्याशी समर्थक ने प्रतिद्वंदी खेमे पर पिस्टल निकाल कर कई राउंड फायर दाग दिए। जिसमें महेंद्र सिंह बिष्ट नाम का शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। फायरिंग की घटना से मतदान केंद्र में दहशत का माहौल बन गया था। इसके साथ ही ब्लॉक प्रमुख के लिए वोट डालने पहुंचे क्षेत्र पंचायत सदस्यों के बीच अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सब इधर से उधर भागने लगे। जबकि, ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद आरोपी फरार हो गए। इस घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सवाल उठे। लिहाजा, पूरे मामले में 16 अगस्त को नैनीताल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही उनके पास से बरामद 2 वाहनों को सीज भी किया। आरोपियों के पास से एक 32 बोर का अवैध पिस्तल और 3 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। मुख्य आरोपी अमृतपाल उर्फ पन्नू के खिलाफ रामनगर कोतवाली में हत्या के प्रयास में अभियोग पंजीकृत है। इसके अलावा अन्य आरोपियों पर भी पहले से ही आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
इन पुलिस अफसरों पर गिरी गाज
इस घटना के बाद उत्तराखंड के सियासत में जमकर बवाल हुआ। मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने 17 अगस्त को प्रेस नोट जारी कर भवाली क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह के खिलाफ मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। जबकि, बेतालघाट थानाध्यक्ष अनीश अहमद को सस्पेंशन की विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति शासन को दी गई। नैनीताल पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी दवा लेने के लिए भीरा आएंगे। इसी आधार पर एसटीएफ और बेताल घाट थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर 3 आरोपियों को दबोच लिया। वहीं, गिरफ्तारी के बाद पुलिस तीनों आरोपियों को थार गाड़ी समेत अपने साथ उत्तराखंड लेकर आई। यह कार्रवाई नैनीताल जिले के बेतालघाट थाना प्रभारी अनीस अहमद ने की है।
पहले गिरफ्तार आरोपी
दीपक सिंह रावत उर्फ लटवाल (उम्र 28 वर्ष), निवासी- चित्रकूट, रामनगर,
यश भटनागर उर्फ यशु (उम्र 19 वर्ष), निवासी- शिवलालपुर रोनिया, रामनगर
वीरेंद्र आर्य उर्फ विक्की (उम्र 39 वर्ष), निवासी- लखनपुर, रामनगर
रविंद्र कुमार उर्फ रवि (उम्र 28 वर्ष), निवासी- ढेला पटरानी, रामनगर
प्रकाश भट्ट (उम्र 28 वर्ष), निवासी- खुरियाखत्ता, बिंदुखत्ता, हल्द्वानी
पंकज पपोला (उम्र 29 वर्ष), निवासी- खुरियाखत्ता, बिंदुखत्ता, हल्द्वानी
लखीमपुर से गिरफ्तार तीन आरोपी
अमृतपाल उर्फ पन्नू, निवासी- रोशनपुर, गूलरभोज, उधम सिंह
गुरमीत सिंह उर्फ पारस, निवासी- बेरिया दौलत, उधम सिंह नगर
प्रदीप सिंह उर्फ शॉकर, निवासी- मुंडिया कला बहादुर बाजपुर, उधम सिंह नगर